माँ और घासवाली: दो कहानियां

Maa aur Ghaswali: Do Kahaniyan - Munshi Premchand

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प्रेमचन्द की इन नारी-प्रधान कहानियों में स्त्री के दो उज्ज्वल भावों का निरूपण हुआ है।

‘माँ’ कहानी में प्रेमचन्द ने ममता और बुद्धि का द्वन्द्व चित्रित किया है, जिसमें जीत ममता की ही होती है।

‘घासवाली’ एक ऐसी महिला की कहानी है जो अपने आत्मसम्मान के लिए गरीबी से जूझती है और चैनसिंह जैसे भंवरे को भी सही राह दिखाती है।

Author

प्रेमचन्द (1880-1936) की गिनती हिन्दी साहित्य के महान् और लोकप्रिय लेखकों में की जाती है । उनका जन्म बनारस (वाराणसी) के पास लम्ही गांव में हुआ और प्रारम्भिक शिक्षा वहीं एक मदरसे में प्राप्त की ।

हिन्दी और उर्दू साहित्य में प्रेमचन्द को आज एक पथ-प्रदर्शक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में समाज की कुरीतियों एवं विषमताओं पर गहरा प्रहार किया और साथ ही इन्हीं ज्वलंत समस्याओं को लेकर प्रगतिशील दृष्टिकोण का परिचय भी दिया। उनकी अनेक रचनाओं की गणना कालजयी साहित्य के अन्तर्गत की जाती है।

Book Details

Format: eBook | Language: Hindi