शतरंज के खिलाड़ी
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इस कहानी में प्रेमचंद ने वाजिदअली शाह के वक्त के लखनऊ को चित्रित किया है। इस कहानी के प्रमुख पात्र हैं — मिरज़ा सज्जाद अली और मीर रौशन अली। दोनों वाजिदअली शाह के जागीरदार हैं। जीवन की बुनियादी ज़रूरतों के लिए उन्हें कोई चिन्ता नहीं है। दोनों गहरे मित्र हैं और शतरंज खेलना उनका मुख्य काराबेर है।
Author
प्रेमचन्द (1880-1936) की गिनती हिन्दी साहित्य के महान् और लोकप्रिय लेखकों में की जाती है । उनका जन्म बनारस (वाराणसी) के पास लम्ही गांव में हुआ और प्रारम्भिक शिक्षा वहीं एक मदरसे में प्राप्त की ।
हिन्दी और उर्दू साहित्य में प्रेमचन्द को आज एक पथ-प्रदर्शक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में समाज की कुरीतियों एवं विषमताओं पर गहरा प्रहार किया और साथ ही इन्हीं ज्वलंत समस्याओं को लेकर प्रगतिशील दृष्टिकोण का परिचय भी दिया। उनकी अनेक रचनाओं की गणना कालजयी साहित्य के अन्तर्गत की जाती है।
Book Details
Format: eBook | Language: Hindi